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अयोध्या राम मंदिर ,जो एक भक्ति का उदहारण है और आर्किटेक्चर का नया नमूना , २०२४ मे भारत के नागरिको के सपोर्ट द्वारा भारतीय सरकार की बहोत बड़ी उपलब्धि है. सिर्फ भारत के ही नहीं बल्कि पुरे दुनिया भर के राम भक्तो को ये अनोखा तौफा है. यह भारत का सबसे भव्य मंदिर है जो की उत्तर प्रदेश के अयोध्या नगरी मे है.
मंदिर का इतिहास
इस मंदिर की खासियत जानने से पहले , इसका इतिहास जान लेते है. यहाँ मंदिर १२०० शताब्दी तक , दुनिया का भव्य दिव्या मंदिर था . परन्तु १५२८ मे , मुग़ल बादशाह बाबर के सिपहसलार मीर बाकी ने राम मंदिर को नास्ता करके यहाँ पे बाबरी मस्जिद का निर्माण किया . ६ दिसंबर १९९२ मे कार सेवको ने अपनी हिन्दू आस्था रखते हुए बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरा दिया और भारतीय सरकार से अपील लगाई की वो यहाँ पे राम मंदिर का निर्माण करे . लगभग ५०० साल बाद , मतलब २४ जनुअरी २०२४ मे श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठथापना हुई और वह लोगो के लिए खुल गया .
कैसे निर्माण किया गया नया मंदिर ? (ayodhya-ram-mandir)
राम मंदिर के निर्माण के लिए २५८७ पवित्र स्थानों की मिटटी लाई गयी है . इसमे से कुछ जगह है झाँसी, बिठूरी , हल्दीघाटी , यमुनोत्री , चित्तौरगढ़ , गोल्डन टेम्पल . रिपोर्ट के अनुसार , राममंदिर का आर्किटेक्ट सोमपुरा फॅमिली के द्वारा योजित है , जिह्नोने १०० से ज्यादा मंदिरो का निर्माण किया है . श्री चंद्रकांत सोमपुरा जी ने इस निर्माण का प्रतिनिधितव किया और उन्हें उनके दोनों बेटे आशीष एयर निखिल ने सपोर्ट किया . इस मंदिर का निर्माण केवल पत्थर का इस्तेमाल करके किया है , और इसमें किसी प्रकार का सीमेंट या स्टील इस्तेमाल नहीं किया गया है
इस मंदिर की अद्भुत बात यह है की, जो ईटे इसके निर्माण के लिए इस्तेमाल की गयी है उनपे राम सेतु की तरह ‘श्री राम’ लिखा गया है . इसके वजहसे राम भक्तो को और ऊर्जा मिलेगी और यहाँ जगह पावन हो जाएगी . इंटरनेशनल सहयोग के आधार पे थाईलैंड के भूमि से मिटटी लाई गयी है .यहाँ प्रतीत करता है की श्री राम जी का नाम पुरे दुनिया मे अलौकिक है .
श्री राम मंदिर का परिसर
श्री राम मंदिर का परिसर लगभग ३ एकर मे फैला हुआ है और यह ३ मंजिला बना हुआ है . ग्राउंड फ्लोर श्री राम जी की जी की जीवन की कथा बताता है . पहला फ्लोर श्री राम जी का दरबार है जो की राजस्थानी कलाकृति का अप्रतिम नमूना है. इस मंदिर की उछाही लगभग १६१ फ़ीट है और इससे १२ प्रवेशद्वार है . सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की इसके प्रतिष्ठापना के लिए १५० नदियोंका पानी लाया गया था .
क्या इस मंदिर से गरीबो का फायदा हुआ ?
हा बिलकुल हुआ. श्री राममंदिर बनने से उत्तर प्रदेश की इकॉनमी अब तेजी से बढ़ने लगी है . अब यह पे छोटे रेस्टोरेंट से लेके ५ स्टार होटल्स का निर्माण होने लगा है . रिपोर्ट के अनुसार , टाटा ग्रुप और रिलायंस ग्रुप यह पे आलीशान और ५ स्टार्ट होटल का निर्माण करने वाला है . मंदिर के मेंटेनेंस के लिए बहोत मन पावर चाहिए जो की प्रदेश की आबादी पूरा कर सकती है . मंदिर के परिसर मे विविध कलाकृति और आभूषण के दुकान लग है जो आनेवाले टूरिस्ट को जरूर अत्त्रक्ट करेगा . ऐसा कहा जाता है की ताज महल से ज्यादा इंटरनेशनल तथा फॉरेन टूरिस्ट यह पे आने वाले है . यह चीज़े उत्तर प्रदेश मे भरपूर रोजगार निर्माण करेगा और इससे प्रदेश तथा भारत की प्रगति हो जाएगी .
श्री राम मंदिर को कब जा सकते है ? क्या है अच्छा टाइम ?
वैसे तोह भक्ति के लिए पुरे बारे महीने ही अचे होते है , इसलिए आप कभीभी इस मंदिर को भेट दे सकते है . परन्तु अक्टूबर से मार्च तक उत्तर प्रदेश का क्लाइमेट अच्छा कहा जाता है . इस टाइम वातावरण ठंडा और मुलायम रहता है , जिसकी वजह से बच्चो और बूढ़ो को ज्यादा तकलीफ नहीं होती चलने मे . पर इस टाइम पे , बड़ी भीड़ के कारन आपको ज्यादा खर्च करना पद सकता है . यदि आप बजट काम रखना चाहते हो तो अप्रैल से जून तक यह जा सकते हो , सिर्फ आपको गर्मी का ख्याल रखना पड़ेगा . आप बारिश के सीजन मे भी जा सकते हो , जो आपको एक अलग एक्सपीरियंस देगा . बारिश के टाइम यह पे धूल काम रहेगी और हर तरफ हरियाली रहेगी जो आपका मन प्रसन्ना कर देगी . बारिश के टाइम यह पे भीड़ काम रहेगी और आपका खर्चा भी काम रहेगा .
समय कोई भी हो , यह मंदिर इतना सुन्दर और अप्रतिम है की राम भक्त यह पे अपने आप खिचे चले आएंगे
References : https://www.hindustantimes.com/india-news/built-with-no-steel-or-iron-ayodhya-ram-temple-is-an-architectural-marvel-know-why-101705798900877.html